Wednesday, March 27, 2013

वह घर नहीं जाना चाहती थी

उस रात करीब एक बजे मैं ऑफिस से घर जा रहा था। संगम विहार में थाने से कुछ कदम ही आगे बढ़ा था कि रोड पर कुछ हलचल नजर आई। दूर से लग रहा था कि जैसे कुत्ता रोड पर पड़े कंबल में कुछ ढूंढ रहा है। अपनी बाइक मैंने पास से निकाली तो देखा- उस कंबल में एक बुजुर्ग औरत लिपटी पड़ी है। रोड पर किसी को पड़ा देखकर मैं अक्सर आगे बढ़ जाता हूं। ऐसे किसी शख्स के लिए रुकना या मदद करना मुझे वक्त की बर्बादी लगता है। साथ ही किसी लफड़े में फंस जाने का डर भी कहता है कि 'अपना काम करो, क्यों फालतू का झंझट मोल लेते हो।'

source: India Today
उस रात भी इस विचार के साथ मैं आगे बढ़ लिया। लेकिन थोड़ी दूर जाकर ही अचानक मैंने बाइक मोड़ी और कंबल में लिपटी उस बुजुर्ग के पास पहुंच गया। पास ही पड़ी उसकी बैसाखियां बता रहीं थीं कि वह चलने-फिरने की हालत में भी नहीं है। सबसे पहले मैंने उसे एक राहगीर की मदद से बीच रोड से हटाकर साइड में लिटा दिया। फिर उससे रोड पर पड़े होने की वजह और उसके घर के बारे में पूछने लगा। वह बार-बार यही कह रही थी-'मोए मज्जान दे बेटा। गाड़ी ऊपर से निकल जैहै तो मुक्ति मिल जैहे। मोए जिंदा नाय रहनो। बेटा और नाती ने मेई जे दशा कद्दई है।' मैं उससे बात कर ही रहा था कि एक पुलिस वाला बाइक पर वहां आकर रुका। मैंने उसे बताया कि इस बुढ़िया को उसके बच्चों ने घर से निकाल दिया है। लेकिन पुलिस वाला कहीं जाने की जल्दी में था। उसने कहा कि 100 नंबर पर कॉल कर दो। मैंने उसकी बात मानकर 100 नंबर पर मैसेज दिया और पीसीआर के आने का इंतजार करने लगा।

कुछ राहगीर थोड़ी-थोड़ी देर के लिए वहां रुकते और आगे बढ़ जाते। इस बीच जाने कब बजुर्ग फिर से रोड के बीच आकर लेट गई। कुछ राहगीरों की मदद से बड़ी मुश्किल से उसे उठाकर फिर सड़क किनारे लिटाया। लोगों के पूछने पर वह अपना दर्द बताने लगी-' बेटा और नाती ने मोए सिर पर मारो है'। वह अपना सूजा हुआ सिर हमें दिखाने लगी। उसने बताया कि वह पास ही डिस्पेंसरी के नजदीक रहती है। हमने उससे घर पहुंचा देने को कहा तो वह साफ मना करने लगी। बार-बार यही बोले जा रही थी- 'मोए मज्जान दो, मोए घर नाए जानो। बे फिर मारेंगे मोए।' इतने में पीसीआर की गाड़ी वहां पहुंच गई। मैंने पीसीआर से उतरे एक पुलिस वाले से कहा कि अम्मा जी को उनके घर पहुंचा दीजिए। उससे कुछ देर पूछताछ के बाद एक पुलिस वाला और एक आदमी उसे उठाकर उसके घर की ओर चल दिए। पुलिस वाले ने मेरा नाम, पता और फोन नंबर लिखकर जाने को कह दिया। थोड़ी देर बाद में मैं अपने घर तो पहुंच गया लेकिन उसके ख्याल ने मुझे पूरी रात नहीं सोने दिया।